Debt यानी कि कर्ज, जब भी आप किसी से कोई भी सामान या Money लेते हैं, और कुछ समय बाद उसको वापस कर देते हैं| तो यह एक कर्ज (Debt) होता है| जिसे इंग्लिश में डेप्ट (Debt) कहते हैं| किसी भी तरह का लिया गया पैसा जो कि बाद में वापस करना होता है डेप्ट या लोन कहलाता है| आज हम जानेंगे डेप्ट यानी लोन क्या होता है और कितने प्रकार का होता है|
लोन क्या होता है
जब भी हम किसी से कोई भी वस्तु कोई धनराशि या कोई भी चीज उधार कुछ समय के लिए लेते हैं और बाद में वापस करना होता है तो यह चीज डेप्ट या Loan कहलाती है| कई बार हमें डेप्ट या लोन पर इंटरेस्ट यानी कुछ अधिक धनराशि भी देनी पड़ती है| Debt का मतलब कर्ज होता है यह आप किसी से ले भी सकते हैं और किसी को दे सकते हैं| आमतौर से काफी लोगों के लिए यह कमाई का एक जरिया होता है| क्योंकि दिए गए लोन पर हमें इंटरेस्ट मिलता है|
दुनियाभर में जितने भी बैंक है वह इस तरीके से कमाई करते हैं| वह लोगों को लोन डेप्ट के रूप में देते हैं और उसके बदले में वह इंटरेस्ट भी वसूल करते हैं| डेप्ट दो तरह से दिया जाता है व्यक्ति की आमदनी देखकर या व्यक्ति की कोई अमूल्य चीज गिरवी रखकर| काफी सारी बिजनेस, व्यक्ति, बैंक और कंपनी पैसे (Loan or Debt) लेनदेन का काम करते हैं| किसी भी बिजनेस में कोई भी कंपनी दूसरे कंपनी को सामान उधार दे देती है| जिसका बाद में पेमेंट देना होता है| इसके लिए कंपनी दूसरी कंपनी से एक एग्रीमेंट साइन कर आती है, ताकि निश्चित समय बाद वह कंपनी, दिया गया प्रोडक्ट के बदले में पैसे दें और साथ ही साथ इंटरेस्ट भी अदा करें|
काफी सारी बड़े-बड़े कंपनियां और यहां तक कि सरकार भी लोगों से पैसा लेने के लिए बांड जारी करते हैं| जो कि एक तरह का Debt ही है| इसमें लोगों को एक Fixed इंटरेस्ट मिलता रहता है और कुछ समय बाद उनका पूरा पैसा भी वापस मिल जाता है| जैसे कि भारत की गवर्नमेंट को अगर कुछ पैसों की जरूरत पड़ती है| तो वह मार्केट में बांड के रूप में कुछ डॉक्यूमेंट जारी करदी है, जिसे लोग खरीदते हैं और उसके बदले में लोग पैसे देते हैं|
Government बांड एक सरकारी कागज होता है जो कि लोगों के पास होता है, और लोगों के पैसे सरकार को मिल जाते हैं| जिससे सरकार उससे अपने काम करती है और समय-समय पर लोगों को इंटरेस्ट भी देती रहती है| साथ ही कुछ समय बाद सरकार उनके सभी पैसे भी वापस कर देती है| इस तरह से लोगों को अपने पैसे भी मिल जाते हैं और साथ ही साथ उन्हें इंटरेस्ट के रूप में ब्याज भी मिल जाता है| इसी तरह से कंपनियां भी लोगों से शेयर मार्केट के जरिए पैसे उधार लेती है| जिसके बदले में वह शेयर और इंटरेस्ट भी देती है| काफी सारी बैंक मार्केट में लोन देते हैं जिसे काफी सारे लोग लेते हैं और बदले में बैंक को ब्याज भी मिल जाता है| जैसे कि होम लोन, ऑटो लोन, बिजनेस लोन, पर्सनल लोन और मोटर्स लोन|
Loan लेने वाला व्यक्ति बैंक को समय-समय पर ब्याज देता रहता है| तथा कुछ समय बाद वह बैंक के पूरे पैसे भी लौटा देता है| अगर वह किसी कारणवश वह पैसे नहीं नहीं लौटा पाता तो बैंक और भी ज्यादा ब्याज वसूल करता है| बैंक आपको समय समय के अनुसार पैसे देता है और समय समय के अनुसार वह ब्याज भी वसूलता है| जैसे की मंथली, क्वार्टरक्ली| जितने समय के लिए आपको लोन चाहिए उतने समय के लिए आपको लोन मिल जाता है तथा उतने समय के लिए आपको ब्याज भी भरना होता है| और बाद में समय पूरा होने के बाद आपको मूल राशि भी बैंक को लौटानहीं पड़ती है|
क्रेडिट कार्ड भी एक तरह का लोन या Debt कहलाता है| इसमें एक कंपनी आपकी आमदनी के अनुसार या आपकी क्षमता के अनुसार आपको क्रेडिट कार्ड देती है| इस क्रेडिट कार्ड के मदद से आप यह पैसे खर्च करते हैं| और बाद में आप इस पैसे को कंपनी को या बैंक को वापस कर देते हैं तथा आपको ब्याज भी देना पड़ता है| यहां पर मंथली, क्वार्टरली और ईयरली बेसिस पर Interest on Debt लगता है| जितनी भी बैंकों के क्रेडिट कार्ड मार्केट में चलते हैं| बैंक उससे इन्हीं सब चीजों से पैसे कमाता है यानी कि उधार दे कर पैसा कमाना| यानी कि लोन और डेप्ट देकर पैसा कमाना| जहां पर मैं आपको चार प्रकार के Loan (Debt) के बारे में बताऊंगा|
लोन कितने प्रकार के होते हैं
सिक्योर्ड Debt
इसको हम सिक्योर्ड लोन भी कहते हैं| इस प्रकार का लोन लेने के लिए आपको बैंक में कुछ गिरवी रखना पड़ता है| यानी कि जितनी धनराशि आपने लोन में ली है, उतनी ही धनराशि की कोई भी वस्तु, जमीन, जायदाद, सोना चांदी आप को बैंक में रखना पड़ेगा| और इसके बाद आपको लोन की धनराशि मिल जाती है| जितने समय के लिए आप Loan लेते हैं| उतने समय के लिए आपको इंटरेस्ट भी देना होता है और समय पूरा होने के बाद आपको लोन की पूरी धनराशि वापस भी करनी होती है| वापस ना करने की एवज में आपका लोन इंटरेस्ट और भी ज्यादा बढ़ जाता है| और आपको ज्यादा पैसे वापस करने पड़ते हैं|
अनसिक्योर्ड लोन
जिसको हम अनसिक्योर्ड Loan भी कहते हैं| इसमें कोई भी बैंक आपको बिना किसी गारंटी के पर्सनल लोन देता है| इसमें आपकी कमाई की क्षमता और आपकी पर्सनल हिस्ट्री के आधार पर लोन दिया जाता है| जैसे कि क्रेडिट कार्ड यहां पर आपको क्रेडिट कार्ड में पैसे खर्च करने की छूट दी जाती है| और उस क्रेडिट कार्ड से पैसे खर्च करके अपने निजी कामों को कर सकते हैं| इतने दिनों के लिए आप पैसे उधार लिए हैं उतने दिनों के लिए आपको ब्याज भी देना होता है| और समय पूरा होने पर आपको पूरी पेमेंट भी वापस करनी पड़ती है| अगर आप पेमेंट वापस नहीं करते हैं तो आपको अतिरिक्त ब्याज राशि देनी पड़ती है| यानी कि आपको ज्यादा पैसे का भुगतान करना पड़ेगा|
मॉडेस्ट लोन
इस प्रकार के लोन में आपको कुछ अमूल्य चीजें बैंक में गिरवी रखनी पड़ती है| जैसे कि अगर आपको मकान बनवाना है या पढ़ाई के लिए लोन लेना है तो आपको कोई भी चीज बैंक के पास गिरवी रखनी होती है, एक निश्चित अवधि के लिए| जैसे कि आपने 15 साल 10 साल के लिए लोन लिया है, तो इतने दिनों के लिए आपको लोन दे दिया जाता है और आपसे इंटरेस्ट भी लिया जाता है तथा आप की चीज बैंक के पास गिरवी रखी होती है| जब आपका लोन पूरा चुका दिया जाता है और पूरी धनराशि आप वापस कर देते हैं तो आपकी गिरवी रखी हुई चीज भी आपको वापस मिल जाती है|
कॉर्पोरेट लोन
इस तरह का लोन सरकार या बड़ी कंपनियां लेती है| वह मार्केट में कुछ Bond or सर्टिफिकेट जारी करती है| जो लोग Government Bond खरीदते हैं सरकार निश्चित अवधि के लिए उन्हें इसका ब्याज भी देती है| इस तरह से लोग अपने पैसे कंपनी या सरकार को देकर ब्याज भी कमाते हैं और कुछ निश्चित अवधि के बाद सरकार और बैंक और कंपनी इन पैसों को वापस भी कर देती है| इस तरह से आप सरकार को लोन देते हैं और आपकी इनकम हो जाती है|
Debt यानी लोन के फायदे
जब भी आपको किसी भी काम के लिए पैसों की जरूरत होती है| तो आपको आसानी से मार्केट में कई तरह का लोन मिल जाता है| जो कि आप अपनी सुविधा अनुसार चुका सकते हैं| लोन का अगर सही इस्तेमाल करें तो काफी लोग इससे पैसे भी कमाते हैं जैसे कि बिजनेस लोन बिजनेस लोन लेकर आप पैसे भी कमा सकते हैं| और अपने लोन को चुका कर बाकी धनराशि भी बचा सकते हैं|
लोन (Debt) के नुकसान
अगर आपने कोई भी चीज गिरवी रखी है, तो लोन ना चुकाने की कंडीशन में आपकी गिरवी चीज को नीलाम कर दिया जाता है| तथा आपके ऊपर ज्यादा इंटरेस्ट रख दिया जाता है| अब आपकी लोन ली हुई चीज भी आपके हाथ से जाती है और आपको ज्यादा धनराशि भी वापस करनी पड़ती है| कभी-कभी आपने जो कंपनी को लोन दिया है वह कंपनी दिवालिया भी घोषित हो जाती है| तथा वह लोन की राशि वापस नहीं कर पाती और आपका दिया गया लोन डूब जाता है| कहने का मतलब यह है लोन यानी Debt हमेशा सोच समझ कर लेना चाहिए| जब आपको बहुत ही जरूरत हो तभी आप को लोन लेना चाहिए या आप लोन लेकर ज्यादा पैसे कमा सकते हैं तो ही आपको लोन लेना चाहिए| इस तरह से लोन लिए पैसे से ज्यादा पैसे कमा सकते हैं और उसमें पैसे बचा कर बाकी लोन की धनराशि Save रखते हैं| उम्मीद है आपको यह जानकारी अच्छी लगी होगी|
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